यमुना घाटी की राजनीति को बौना करने की साजिश

उत्तरकाशी बड़कोट

ब्यूरो रिपोर्ट-रमेश डोभाल

यमुना घाटी की राजनीति को बौना करने की साजिश

“बड़कोट नगरपालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल ‘कुतरू’ के विरुद्ध षड़यंन्त्रों का जाल”

अपने वजूद और दम पर यमुना घाटी की राजनीति को धार देते आये लोकप्रिय नेता एवं वर्तमान पालिकाध्य्क्ष विनोद डोभाल की शख्सियत से सभी लोग भली-भांति परिचित है! उनका उदार दिल और समाज सेवा के प्रति जूनून ही उनको राजनीति के शिखर पर आरुढ़ करता आ रहा हैं, कहते हैं कि जब तक राजनीति में कोई कठोर प्रतिद्वंदी ना हो तब तक उसमे धार पैदा नहीं होती।


गत दो-वर्ष से बड़कोट नगर पालिकाध्यक्ष पद की तैयारी करते आये विनोद डोभाल ‘कुतरू’ को यह विजय अनायास प्राप्त नहीं हुई इसके लिए उन्होंने लम्बा संघर्ष किया, बड़कोट नगर पालिका की जनता के साथ गहराई से जुड़कर लोक हित के कार्य किये, जब बड़कोट नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल की समस्या गंभीर बनी हुई थी लोग धरना प्रदर्शन तथा क्रमिक अनशन के लिए बाध्य हुए, तब विनोद डोभाल ने अपने संसाधनों से बड़कोट की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने का भरोसा दिया! इसके साथ उनके द्वारा यमुना घाटी में किए गए जनहित कार्य सबके समक्ष है।
इस तरह विनोद डोभाल की लोकप्रियता का परचम देखकर प्रतिद्वंदियों का पारा चढ़ना स्वभाविक है और नगरपालिका बड़कोट मे अपनी चुनावी हार से बौखलाये विपक्षियों की साजिश से नगरपालिका बड़कोट और यमुनाघाटी की जनता भली-भांति परिचित है जिसका नतीजा विनोद डोभाल की गिरफ्तारी करवाकर बदला लेने के मंसूबे पुरे किये जा रहे हैं, तथा स्टोन क्रशर पर 18 लाख का गैरवाज़िब जुर्माना करवाया गया यह स्टोन क्रशर इस क्षेत्र में लंबे समय से संचालित है और अपने मानकों पर चल रहा है इससे सरकार को समय-समय पर राजस्व भी प्राप्त हो रहा है! पर सवाल यह है कि क्या स्थानीय प्रशासन इस प्रकार के अन्य सभी यमुना घाटी के संचालित स्टोन क्रशरों कि समय-समय पर जांच कर मानक संचालन का निरीक्षण करती है और उन पर भी मानकों के विरुद्ध पर कार्यवाही करती है।
या यमुना घाटी के कुछ छूटभैया नेताओं के राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन उनकी कठपुतली बना हुआ है!!