देहरादून ब्यूरो-✍️
NMOPS पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के तत्वाधान में 1 मई दिल्ली के जंतर मंतर में पेंशन बहाली को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन किया जा रहा है ।पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता सूर्य सिंह पंवार ने कहा कि 1 मई को जंतर मंतर दिल्ली फिर गूंजेगा OPS बहाली के नारों से , पूरे देश स्तर पर प्रत्येक राज्य में NMOPS संगठन के द्वारा दिल्ली के कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। इन्होंने देश के अधिकारी शिक्षक कर्मचारियों से अपील की है कि इस धरना प्रदर्शन को सफल एवं ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी देश के कर्मचारी अपना योगदान प्रदान करें।
सरकारें राष्ट्रवाद की आड़ में जो खेल खेल रही है इसका लाभ सीधे पूंजीवादियों को हो रहा है कर्मचारियों का पैसा शेयर मार्केट के हवाले किया जा रहा है ।
पुरानी पेंशन बहाल न होने की स्थिति में सरकारी सेवाओं में प्रतिभाशाली लोग आने की इच्छा जाहिर नहीं करेंगे।
देश का भविष्य पूंजीपतियों के हवाले हो जाएगा
आज जब देश तकनीकी, आर्थिक और वैश्विक मोर्चों पर आगे बढ़ रहा है, वहीं सरकार की नीतियाँ एक वर्ग विशेष — गरीब और मध्यमवर्गीय जनता — के भविष्य को अंधकार की ओर ढकेल रही हैं। पुरानी पेंशन व्यवस्था का न होना सिर्फ एक वित्तीय मुद्दा नहीं, बल्कि यह करोड़ों मेहनतकश सरकारी कर्मचारियों के आत्मसम्मान और सुरक्षित भविष्य का प्रश्न है।
NPS जैसी योजनाओं से देश का तंत्र कमजोर होगा और निजीकरण को मिलेगा बढ़ावा।
जब सरकारी सेवाओं में प्रतिभाएं नहीं आएंगी, तो आम जनता को सेवा देने वाले तंत्र की गुणवत्ता गिरती जाएगी।
यह पुरानी पेंशन की बहाली सिर्फ कर्मचारी हित नहीं, जनहित का मुद्दा है।
यह लड़ाई सिर्फ कर्मचारियों की नहीं, उस हर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की भी है जो अपने बच्चों को पढ़ाकर सरकारी सेवा में भेजता है ताकि परिवार को सुरक्षा और सम्मान मिल सके। यदि आज पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई, तो आने वाले समय में इन परिवारों का भविष्य संकट में पड़ जाएगा और देश की सामाजिक संरचना बिखर जाएगी।
1 मई जंतर-मंतर के कार्यक्रम को लेकर NMOPS राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु के नेतृत्व में देश के लाखों शिक्षक कर्मचारी भारी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर मे एकजुट होंगे।
वर्ष 2005 के बाद सरकारी सेवाओं में अपनी सेवाएं देने वाले देश के शिक्षक/ कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर देश का शिक्षक कर्मचारी लगातार पिछले कई वर्षों से अपनी मांग को मनवाने के लिए संघर्षरत है। सरकारी कर्मचारी का कहना है कि पुरानी पेंशन को बंद करना सरकार का बहुत गलत निर्णय है सरकारी सेवा में आने के बाद एक आश होती है कि पेंशन से बुढ़ापा अच्छा कटेगा। नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों के भविष्य की अनदेखी हो रही है। नई पेंशन स्कीम पूर्ण रूप से शेयर मार्केट पर आधारित है जिससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था भी डगमगा रही है। और देश को बड़ा नुकसान हो रहा है इससे पूंजीवाद लोगों को मजबूत किया जा रहा है। देश का कर्मचारी एनपीएस यूपीएस को किसी भी सूरत में मंजूर नहीं कर रहा है।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन NMOPS के द्वारा एनपीएस एवं यूपीएस के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाई जा चुकी है जिसमें पूरे देश के कर्मचारियों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के द्वारा कार्यक्रम का शेड्यूल जारी कर दिया गया है।
1 मई को श्रमिक दिवस पर दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन होगा जिसमें देश के सभी कर्मचारी एक मंच पर आकर NMOPS के बैनर तले बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन बहाली का आगाज करेंगे।
उत्तराखंड में भी NMOPS उत्तराखंड प्रांतीय कार्यकारिणी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लगातार संघर्षरत है। शिक्षक कर्मचारी nps एवं ups के विरोध में एवं ops बहाली के लिए पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु एवं राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर एक साथ जुड़ चुका है। देश के शिक्षक /कर्मचारी लगातार मांग करते आ रहे हैं कि देश में नेताओं के लिए अलग पेंशन है और कर्मचारियों के लिए अलग पेंशन है। जबकि सभी के लिए देश में समान पेंशन व्यवस्था होनी चाहिए। देश के कई सारे राजनेता एक नहीं बल्कि तीन तीन चार चार पेंशन ले रहे हैं इन्हें भी एक ही पेंशन दी जानी चाहिए। देश का शिक्षक कर्मचारी लगातार मांग कर रहा है कि एक राष्ट्र में समान नीति पेंशन को लेकर होनी चाहिए।