आध्यात्म वेद व योग का परचम लहरा रहे हैं ब्रह्मचारी

टिहरी ब्यूरो-

दिनांक 6 जून 2025 को राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी टिहरी गढ़वाल के तत्वाधान में वेदों में नदियों की महत्ता विषय पर वेदाचार्य व योगाचार्यों द्वारा सिद्धपीठ मां चंद्रबदनी मंदिर में वेद एवं योग शिविर का आयोजन किया गया । वेदों एवं योग में नदी का महत्व जनमानस तक पहुंचाने एवं जागरूकता के लिए वेदाचार्य राजकीय महाविद्यालय चंद्रबदनी टिहरी गढ़वाल के संस्कृत विभाग के आचार्य डॉ सचिन सेमवाल जी रहे। एवं योगाचार्य पतंजलि गुरुकुल के साध्वी देवसुता जी एवं अन्य ब्रह्मचारिणियां व मुख्य अतिथि मंदिर परिसर के प्रबंधक श्री भट्ट जी रहे। सर्वप्रथम नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ गुरु प्रसाद थपलियाल जी द्वारा वेद एवं पुराणों में नदियों की महत्ता को जनमानस को बताया गया। वेदाचार्य जी द्वारा वेदों एवं पुराणों में केदारखंड व सप्तसैन्धव भारतवर्ष में प्रवाहित नदियों का वर्णन करते हुए बताया गया कि हमारे अधिकांश मंदिर- मठ नदी किनारे हैं। वेदव्यास जी द्वारा बद्रीपुरी में वेदों का प्रणयन किया गया, वह भी अलकनंदा नदी किनारे ही स्थित है । हमारे जो भी आध्यात्मिक संपन्न नगर है नदियों के किनारे ही बसे हुए हैं। शरीर के साथ साथ मन को शुद्ध करने के लिए गंगाजल का उपयोग हमारे वेदों में उल्लिखित है। वेदाचार्य जी द्वारा सांसारिक जीवन में भी जन्म से लेकर मृत्यु तक नदी की महत्ता तथा भागीरथी- अलकनंदा- मंदाकिनी- धवल गंगा- ब्रह्मपुत्र -नर्मदा- सिंधु कावेरी- गोदावरी- सरस्वती आदि सभी नदियों का वर्णन वेदों में है और इसकी महत्ता को बताया गया। पतंजलि योगपीठ से साध्वी जी द्वारा महर्षि पतंजलि द्वारा योग और वेदों में नदी की महता को बताया गया । अंत में ब्रह्मचारिणियों द्वारा स्वस्थ शरीर के लिए योग की आवश्यकता और स्वच्छ वातावरण में योग से स्वच्छ शरीर का विकास होता है, जनमानस को योगाभ्यास कराया गया। महाविद्यालय से डॉ जंगवांण जी डॉ मनीष पंवार जी कार्यालय से दिनेश पुंडीर जी मंदिर समिति के सदस्यगण एवं मानद उपाधि से सुशोभित डॉ सोहनलाल जी आदि उपस्थित रहे। अंत में नोडल अधिकारी जी द्वारा सभी जनमानस एवं मंदिर समिति सभी का धन्यवाद किया गया।

रिपोर्ट-✍️जितेन्द्र गौड़